छतरपुर के बागेश्वर धाम में महाशिवरात्रि पर 251 कन्याओं का होगा विवाह, पं. धीरेंद्र शास्त्री बेटियों को बनाएंगे आत्मनिर्भर.
छतरपुर: करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र बागेश्वर धाम में गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी महाशिवरात्रि पर देश की गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह होगा. 26 फरवरी को आयोजित होने वाले इस महोत्सव में 251 बेटियां परिणय सूत्र में बंधेंगी. जिन बेटियों को विवाह के लिए चयनित किया गया है. उनकी सूची बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया के समक्ष जारी की है.
आदिवासी समाज से 108 बेटियां चयनित
इस सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होने वाली 108 बेटियां आदिवासी समाज से हैं, तो 143 बेटियां अन्य सभी समाजों से हैं. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “इन चयनित बेटियों को धर्मपीठ, राजपीठ सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग सुखी जीवन का आशीर्वाद देंगे.” आगे उन्होंने कहा कि “मंदिरों में लाखों-करोड़ों रुपए का दान हिंदू देते हैं, इसलिए मिलने वाला दान हिंदू बेटियों के घर बसाने में उपयोग किया जाना चाहिए. इसके अलावा बागेश्वर सरकार ने मंदिरों को सरकार के अधिग्रहण से बाहर निकलने की मांग की.”
इस तरह चुनी गईं 251 बेटियां
सामूहिक विवाह समारोह में शादी करने के लिए चयन की गई कन्याओं की सूची बागेश्वर सरकार ने मीडिया के सामने जारी की. उन्होंने चयन प्रक्रिया बारे में बताया कि “1000 से अधिक फॉर्म आए थे, जिन्हें बारीकी से जांच करने के बाद 251 बेटियों को धाम से विवाह के लिए चयनित किया गया है. हजारों किलोमीटर की यात्रा करने के बाद सर्वे टीम ने सूची तैयार की है. एक महीने तक 60 लोगों की टीम द्वारा सर्वे कार्य किया गया. ग्रामीण, पड़ोसियों, जनप्रतिनिधियों आदि से पूछने के बाद, जो मानदंड निर्धारित किए गए थे. उनके आधार पर 251 बेटियां विवाह के लिए चयनित की गईं हैं. इन बेटियों में कई ऐसी बेटियां हैं, जो अनाथ, दिव्यांग और बिना माता-पिता के हैं.”
9 राज्यों से चुनी गई विवाह के लिए कन्याएं
बागेश्वर धाम में होने वाले सामूहिक विवाह समारोह में जिन 251 कन्याओं का चयन किया गया है. उनमें 9 राज्यों की कन्याएं शामिल है. सबसे ज्यादा 209 कन्याएं मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, झारखंड, ओडिसा तथा छत्तीसगढ़ से आए आवेदन फार्मों की जांच कर कन्याओं का चयन किया गया है.
दिव्यांग 4, अनाथ 54, पितृहीन 94 बेटियां
विवाह के लिए चयनित कन्याओं में से 4 ऐसी बेटियां हैं जो दिव्यांग है. वहीं 54 बेटियों के सिर से माता-पिता का साया उठ चुका है. इनमें से 94 बेटियों के पिता नहीं है और 12 बेटियों की माता नहीं है. 87 बेटियां अत्यंत गरीब परिवार से आती हैं, इनमें से कई बेटियों के माता-पिता या तो गंभीर बीमारी से पीड़ित है या फिर वह कुछ करने में सक्षम नहीं है.
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Prateek Kithania